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दो-तीन दिन तक भूखे रहना दुःखद है. तीसरे दिन इंसान और कुत्ते में कोई फर्क नहीं रह जाता – जावेद अख्तर

बॉलीवुड के फेमस स्क्रिप्ट राइटर और गीतकार जावेद अख्तर को कभी गरीबी में भी दिन गुजारने पड़े थे एक समय ऐसा भी आया जब जावेद अख्तर को 2 दिनों तक भूखे रहना पड़ा था।

जावेद अख्तर एक कवि, गीतकार, और पटकथा लेखक हैं. वे हिन्दी फ़िल्मों में अपने काम के लिए जाने जाते हैं जावेद अख्तर का जन्म 17 जनवरी, 1945 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हुआ था जावेद अख्तर को कई फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार, राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार, और पद्म भूषण से सम्मानित किया गया है।  जावेद अख्तर की गिनती बॉलीवुड के फेमस स्क्रिप्ट राइटर और लिरिसिस्ट के रुप में होती है गुजरे दौर में जावेद अख्तर ने कई बेहतरीन फिल्मों की कहानी लिखी थी। उन्होंने अपने करियर में बहुत कुछ हासिल किया है। जावेद अख्तर अपने जीवन में बुरा दौर फेस किया गरीबी को करीब से देखा है और एक समय वे दाने दाने तक को मोहताज थे। अपनी स्ट्रगल की दास्तां हाल ही में आई अपनी और सलीम खान की डॉक्यूमेंट्री सीरीज ‘एंग्री यंग मैन’ में सुनाई थी वहीं एक अन्य इंटरव्यू के दौरान जावेद अख्तर से भूखे रहने को लेकर सवाल किया गया था तब उन्होंने कहा था कि, दो-तीन दिन तक भूखे रहना दुःखद है. तीसरे दिन इंसान और कुत्ते में कोई फर्क नहीं रह जाता.’

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